About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, December 10, 2011

old

नया  शहर,नया घर, नया वातावरण 
केवल और केवल मैं और मेरे विचार 
ही पुराने है इस नए घर में
            june 11





अविश्वास आदमी की आदतों को 
                  जितना  बिगाड़ता है
विशवास आदमी को उतना ही 
        खरा बनाता है......
          30/12/11