About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, May 30, 2014

यादें


तेरी यादों को किसी अलमारी में बंद  करके नही रखा  

बल्कि बहुत सम्भाल कर रखा है 
क्योंकि अलमारी में रखी चीजें बेतरतीब हो जाती हैं
तुम्हे कैसे देख पाऊँगी मैं  बेतरतीब 
ना ही तुम्हे मैने दिल में बंद करके रखा है 
क्यूंकि वहां तो तुम गुम ही हो जाओगे 
और मैं तुम्हे गुमाना नही चाहती 
क्यूंकि दिल में अगर खो गए तो Photo: तू कहे तो
रात बन जायु हसरतों कि।
तू कहे तो
ख्वाब बन जायु करवटों कि।

तू कहे तो
साँख से शबनम छुपाके लायुं
तू कहे तो
वक़्त से कुछ लम्हे चुराके लायुं।

तू कहे तो
तेरे आँखों पर कोई मासूम नींद ले आयु
तू कहे तो
पुरवाई के आँचल से थोड़ी ठंडाई ले आयु।

तू कहे तो
मैं तेरे पलकों पर ख्वाहिश बन जायु
तू कहे तो
मैं चाँदनी बनके तुझे नरमाहट दे जायु।

जज़्बा ए मोहब्बत

गर तू कहे तो
मैं बारिश बनके बस तेरे गम धुलाके जायु
गर तू कहे तो
मैं सागर के कोख से मोती चुन लायु।

तू कहे तो
तेरे हर सुबह के कच्ची धुप बन जायु
तू कहे तो
तेरे अरमायों के दिया बनके
सारी जिंदगी जलता जायु।

तू कहे तो
मैं सबकुछ कर जायु
ना कहना सिर्फ
ना गुजरना है तेरे चाहत के गलिओं से
ना कर पायूँगा मैं
सांसो से वादा है मेरा
कर दिया तो ये दुनिया छोड़ जायु।
हर लम्हा दिल तुम्हे ही ढूंढेगा 
और तुम  छटपटाते रहोगे 
मुझे परेशान देखकर 
तुम्हारी यादों को हमेशा अपने साथ ही रखती हूँ 
हँसता खिलखिलाता सा 
ताकि जब भी मैं दुखी होऊं 
तुम झट से अपनी याद का झोंका दो  
और मैं खिल जाऊं 
क्या कभी इन यादों से बाहर आकर मिलोगे मुझे 
क्या पहचान पाओगे मुझे?
पर मैं तुम्हारी यादों को कभी अपने से दूर नही करुँगी 
सिर्फ और सिर्फ करुँगी इंतज़ार तुम्हारा 
क्या पता कभी तुम आ ही जाओ 
यादें बनकर नही 
कुछ और --------------------31-5-14








Thursday, May 29, 2014

रिश्ता

कौन सा रिश्ता अपना होता है
       कौन सा रिश्ता सच्चा होता है
क्या कोई बता सकता है
     वो जहाँ आप अपना बचपन बिताते हैं
 जहाँ आपकी किलकारियों को सुन माँ
                   रीझ जाती है.
जहाँ आपकी सभी फरमाईश पूरी की जाती थी
         लेकिन जहाँ आप रिश्तो की पकड़ मजबूत करना चाहते हैं
तभी आपसे कहा जाता है,
         बेटी तो पराया धन होती है
जा बेटी अपने घर जा
       हम तुझे विदा करते हैं एक अजनबी के साथ
अनजान देश में ,अनजान लोगों के बीच
           और यहाँ से होती है रिश्तों की दूसरी दुनिया
जहाँ आपका नाम तक छीन लेते हैं
       और आप बन जाती हैं mrs........
जहाँ अाप अपना सर्वस्व देकर भी
         पराई हो
जहाँ सात फेरे के वचन के बाद
         कभी भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है
ऐसे में किस रिश्ते को सच माना जाये
          कहाँ जाय
दोनों तरफ से पराई
        किसका मुंह ताके
जिसने पालपोस कर विदा कर दिया
या जिसने जीवन भर साथ निभाने के वादे को
तोड़ दिया
दोनों ने ही रास्ता तो बाहर का ही दिखाया। ……………
             फिर कौन सा रिश्ता अपना है ?बोलो ना ................... २१  मई १४
         
              

       

मैं

धुंधला गई हूँ
                 टूट गई हूँ
बिखर गई हूँ Photo
                 कहीं खो गई हूँ 
क्या हो गई हूँ मैं
          सिर्फ एक तेरे  बदल जाने से ……… मई 14 …………

घुटन

किसी को नही पता ,कौन किसका कब तक साथ निभाएगा
                     जरुरी नही कि उम्रदराज या बीमार ही पहले जाये
क्या पता ,कोई अंदर ही अंदर घुट -२ कर मर रहा हो
    वो ही अलविदा कह जाये.
                                तो सभी को प्यार दो
क्या पता,किसी का कल हो ना हो   Photo
    और तुम हाथ मलते ही रह जाओ
                                कभी भी लफ़्ज़ों के भरोसे मत रहो
ख़ामोशी की जुबां भी समझो
.... 29 -5 -14

Wednesday, May 14, 2014

तन्हाई

मैं  तो हँस रही थी ना
           मैने तो तुमसे कुछ नही कहा
फिर  मुझे तन्हाई मे देख कर
               क्यों तुम रो पड़े
बोलो ना…………
             क्या आज भी तुम 
मुझे भूल नहीं पाए
           नही भूल पाये मेरी आदत
तन्हाई में  अपने दुख --------------
हाँ आज भी मैं 
       जब भी दुखी होती हूँ 
तन्हाई में  ही रहना पसन्द करती हूँ …………… 14 -5 -14