About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, April 29, 2016

वो फोन की घंटी

वो फोन की घंटी
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हेलो ,हाँ  कौन ?कौन बोल रहे हैं 
बोलो हांजी कौन ?
हेलो HELLOOOOOO 
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तुम 

          सुनकर वहीँ जम गई ,,जीभ तालु से चिपक गई
बड़ी मुश्किल से आवाज़ निकली .....
---------हाँ ,,हाँ अच्छी हूँ..
इतने सालों बाद ,,अब
                अब क्यों फोन कर रहा है मुझे.....
जिस राह पर  छोड़कर गया  था
                   वहां  से  तो मैं कब की
ढोके  ले आई  थी अपने उस जिस्म को
                 जिसमे सिवाय साँस  के कुछ ना बचा था 
वो आँखे  जो तुम्हारे पीछे पीछे सालों वहीँ पथरा  गई  थी
                अब तो वो भी वहां नहीं निहारती
 
मेरी खुशियां वो मेरी उसी राह पे तकती पथराई आंखें
                         मेरी ख्वाहिशें ,सभी का तो तर्पण कर दिया गया था..
फिर आज इतने सालों  बाद,क्यूं
           
Hello 
हैं,,,,  हाँ ,,,हाँ अच्छी हूँ
                 
गुड  Gooddd ,,अच्छी तो हो  ही,
हमेशा ऐसे ही  अच्छी बनी रहो 
                  धुम्म तड़ाक ,जैसे  किसी ने जोरदार तमाचा जड़ा होे
सुनकर  ऐसा लगा
नहीं एसी अच्छी   नहीीीि 

             ऐसे  बोलकर मुझे एक तरह से
तुमने श्रापित कर दिया
                नहीं  अब ऐसा जीवन और  नहीं::::::
मिष्टी .........