फूल की पत्तियों की तरह तोड़ दिया मुझको
खूब अच्छे से मसल कुचल दिया मुझको
अब क्या चाहते हो
अब जब तोड़ने के लिए कुछ न बचा
तो मुझे जोड़ना चाहते हो
फिर से तोड़ने के लिए ?
अरे टूटा हुआ तो फूल भी नही जुड़ता
तो मैं तो एक जीती जागती ---------------
जिसे पल पल आपने तोडकर बिखेरा है
अब क्यों उसे जोड़ने की कौशिश कर रहे हैं
क्योंकि इतना टूटने के बाद अब न मैं
जुड़ पाने की स्थिति में रह गई हूँ
और ,,न आपके वश की बात !!!!!!!!!
अगर कर सको तो सिर्फ इतना कर दो
मेरे टूटे हुए बिखरे टुकड़े समेट दो
कर पाओगे नव
इतना //
30-11-12...............
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