About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, May 11, 2013

यादें

ना ,नही दोस्त 
          मुझे गले से न लगाना 
मैं रो पडूँगी 
            बहुत भरी पड़ी हूँ 
जरा सा तेरा प्यार पाकर 
           मै रो पडूँगी
पहले जब मैं उसकी याद करती थी तो
               दिलं गुदगुदा जाता था 
लेकिन आज 
           आज उसकी बाते 
रुला जाती है 
         उसकी सारी  वो बाते याद आ रही हैं 
जो कभी सपने में भी नही सोच पाती 
                               इसलिए मुझे गले ना लगाओ दोस्त 
मैं रो पडूँगी ...............अप्रैल 15\4\13...............
यादें 

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