ना ,नही दोस्त
मुझे गले से न लगाना
मैं रो पडूँगी
बहुत भरी पड़ी हूँ
जरा सा तेरा प्यार पाकर
मै रो पडूँगी
पहले जब मैं उसकी याद करती थी तो
दिलं गुदगुदा जाता था
लेकिन आज
आज उसकी बाते
रुला जाती है
उसकी सारी वो बाते याद आ रही हैं
जो कभी सपने में भी नही सोच पाती
इसलिए मुझे गले ना लगाओ दोस्त
मैं रो पडूँगी ...............अप्रैल 15\4\13...............
यादें
मुझे गले से न लगाना
मैं रो पडूँगी
बहुत भरी पड़ी हूँ
जरा सा तेरा प्यार पाकर
मै रो पडूँगी
पहले जब मैं उसकी याद करती थी तो
दिलं गुदगुदा जाता था
लेकिन आज
आज उसकी बाते
रुला जाती है
उसकी सारी वो बाते याद आ रही हैं
जो कभी सपने में भी नही सोच पाती
इसलिए मुझे गले ना लगाओ दोस्त
मैं रो पडूँगी ...............अप्रैल 15\4\13...............
यादें
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