About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, May 1, 2017

खामोश

जिन्दगी ने बहुत खामोश कर दिया है मुझे,, अब लहरें भी ख़ामोशी से गुजरती हैं मुझसे ,, किताबी पन्ने सी जिन्दगी है मेरी,जब चाहे हवा उढा देती है ,लेकिन वो भी ख़ामोशी से
क्या ,,मैं भी इस युग की उर्मिला नही i खामोश हो गई हूँ ,तेरे जाने से .......... मिष्टी

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