About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, January 29, 2013

शर्त

मेरे और भगवान के बीच
         शर्त लगी है,,
वो कहते हैं की तू कब तक
      कब तक खुश रहकर दिखाएगी ..
कब तक सपनो को हकीकत समझ कर जिएगी                                    शर्त
           और मैं कहती हूँ,,जब तक सपने मेरे साथ रहेंगे,,
मैं एसे  ही जियूंगी,,शर्त पक्की ...............
         टूट रहे हैं धीरे -2 सपने
साथ ही टूट रही हूँ मैं भी
        लेकिन कुछ सपने अभी भी
बाकि हैं,,
           जो रखे हैं जिंदा
इस टूटी-बिखरी मिष्टी को
      शर्त जितवाने की चाह में
कहीं न कहीं किसी ना किसी रूप में
         मिल जाते हैं सपने मेरे ...................................12-12-12..........

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