About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, January 29, 2013

धोखा

तुम्हे भूलने की सारी कौशिशें 
          नाकाम रही
तुमसे नफरत करने के बावजूद 
                       तुम्हे नही भुला पाती,,
क्योंकि मैं तुम नही हो पाती।
                  नही भूल पाती की जब 
पल-पल मर रही थी 
        तुमने उस समय वो पल 
मेरी जिन्दगी के यादगार पल बना दिए थे।
             जिन्हें मैं आज भी जीती हूँ,,
लेकिन मैं कोई देवता नही ,,
          जो तुम्हारे धोखे को भूल जाऊ 
क्योंकि तुमने मुझे पर तो दिए,लेकिन जैसे ही मैं उडी 
                 तुमने शिकारी भेज दिया 
मेरे पर कतर दिए गए,,
        तुमसे दूर होकर भी तुमसे 
दूरी तो नही रख पाती 
              क्योंकि पलभर का ही सही 
वो सुख तो मुझे सिर्फ तुम्ही ने दिया था।।
                       लेकिन धोखा भी तुम्ही ने------
याद तो आज भी आते हो तुम,,
लेकिन जब भी याद आते हो,
             एक आह के साथ।।।।

3 comments:


  1. दिनांक 03/02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    -----------
    फिर मुझे धोखा मिला, मैं क्या कहूँ........हलचल का रविवारीय विशेषांक .....रचनाकार--गिरीश पंकज जी

    ReplyDelete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  3. प्यार जब धोखा बन जाये तो बहुत तकलीफ होती है..
    बेहद भावपूर्ण रचना..

    ReplyDelete