सपने आँखे ही क्यों देखती हैं
शायद इसलिए
कि जब आपके सपनों का
टूटने का समय आए ..
तो वो
आंसू के रूप में गिरें
और मिटटी में मिलजाए
जहाँ उनका
नामोनिशान तक
बाकि ना रहे ..................26...12.....12............
No comments:
Post a Comment