About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, February 18, 2013

झूठा आईना

बचपन से सुनती आई हूँ कि 
                 आईना  झूठ  नही बोलता 
लेकिन मेरा आईना झूठ बोलता है 
               वो वही  बोलता है,
वही  दिखता है 
                 जो मैं उससे चाहती  हूँ 
मेरा आइना झूठा है ..............
       16 feb..........13.................

No comments:

Post a Comment