About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, February 28, 2013

साया

वो किसका साया है जो
                 मुझे बिन छुए भी छूकर निकल जाता है… 
एक आवाज़ जो मैंने कभी सुनी ही नही 
                     उसी आवाज़ से मैं बातें करती हूँ 
वो कौन है जो मुझे अपने अकेलेपन का
                             एहसास कराना  चाहता है,,
मुझसे अपना एकाकीपन बाँटना चाहता है 
                                कभी ख्वाब में,,तो कभी हकीकत में  
                अपने वजूद में मुझे शामिल करना चाहता है,,
मुझे एक सूनापन दे जाता है 
                मैं उससे मिलना चाहती हूँ,
उसे छूना चाहती हूँ 
                             उसे अपने शब्दों में पिरोना चाहती हूँ 
अपनी सूनी  अंखियों में उसे उतारना  चाहती हूँ 
                                       तन्हाई में उसकी आहट  सुनती हूँ 
उसके ना होते हुए भी उसे देखती हूँ 
                           बुत बन जाती हूँ 
उसकी बाँहों में झूल जाती हूँ 
                और होश आने पर 
तन्हा होती हूँ ,,
               

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