About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, February 14, 2013

नाम

क्या नाम  रखूं तुम्हारा 
           क्यों ?
बिना नाम नही पहचानोगी मुझे 
                         हाँ क्यों नही,
क्यों नही पहचानूंगी 
            तुम तो ख्वाब हो मेरे 
हकीकत थोड़े ही हो ,
                       जो रूप बदल -2 कर आओगे 
मुझे तड़पाने  को,
                   फिर तुम मुझे बिन नाम ही रहने दो ,,
नाम दोगी  तो 
                            हकीकत में पाने के लिए 
आवाज़ लगाओगी ......................14 feb........13...............

                              

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