About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, May 29, 2014

घुटन

किसी को नही पता ,कौन किसका कब तक साथ निभाएगा
                     जरुरी नही कि उम्रदराज या बीमार ही पहले जाये
क्या पता ,कोई अंदर ही अंदर घुट -२ कर मर रहा हो
    वो ही अलविदा कह जाये.
                                तो सभी को प्यार दो
क्या पता,किसी का कल हो ना हो   Photo
    और तुम हाथ मलते ही रह जाओ
                                कभी भी लफ़्ज़ों के भरोसे मत रहो
ख़ामोशी की जुबां भी समझो
.... 29 -5 -14

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