किसी को नही पता ,कौन किसका कब तक साथ निभाएगा
जरुरी नही कि उम्रदराज या बीमार ही पहले जाये
क्या पता ,कोई अंदर ही अंदर घुट -२ कर मर रहा हो
वो ही अलविदा कह जाये.
तो सभी को प्यार दो
क्या पता,किसी का कल हो ना हो
और तुम हाथ मलते ही रह जाओ
कभी भी लफ़्ज़ों के भरोसे मत रहो
ख़ामोशी की जुबां भी समझो
.... 29 -5 -14
जरुरी नही कि उम्रदराज या बीमार ही पहले जाये
क्या पता ,कोई अंदर ही अंदर घुट -२ कर मर रहा हो
वो ही अलविदा कह जाये.
तो सभी को प्यार दो
क्या पता,किसी का कल हो ना हो
और तुम हाथ मलते ही रह जाओ
कभी भी लफ़्ज़ों के भरोसे मत रहो
ख़ामोशी की जुबां भी समझो
.... 29 -5 -14
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