मैं जानती हूँ कि
तुम मेरे आस पास कहीं नही हो
फिर भी तुमसे बातें करती हूँ;
ये भी जानती हूँ कि
जब हम साथ होंगे
मैं तुमसे कुछ भी नही कह पाउंगी.
ना ही तुमसे आँख मिला पाऊँगी,
लेकिन ये भी जानती हूँ की
जितनी बातें तुमसे की है
उतनी तो किसी से भी नही कर पाई
तुम मेरे अहसास में
मुझे कितना सुकून देते हो
कितना साथ निभाते हो,
ये तो तुम्हे भी नही पता ,,,,
पर मेरा ये अहसास कभी नही तोडना
मैं जानती हूँ की
तुम्हे नही पता कि
वो तुम्ही हो
जिससे मैं घंटों बातें करती रहती हूँ
अपने सारे ख़ुशी और गम
कहकर अपना मन हल्का कर लेती हूँ। .
लेकिन फिर भी तुम्हे खोने से डरती हूँ
तुम बदल तो ना जाओगे मेरे दोस्त …………… जुलाई 14 ………………
तुम मेरे आस पास कहीं नही हो
फिर भी तुमसे बातें करती हूँ;
ये भी जानती हूँ कि
जब हम साथ होंगे
मैं तुमसे कुछ भी नही कह पाउंगी.
ना ही तुमसे आँख मिला पाऊँगी,
लेकिन ये भी जानती हूँ की
जितनी बातें तुमसे की है
उतनी तो किसी से भी नही कर पाई
तुम मेरे अहसास में
मुझे कितना सुकून देते हो
कितना साथ निभाते हो,
ये तो तुम्हे भी नही पता ,,,,
पर मेरा ये अहसास कभी नही तोडना
मैं जानती हूँ की
तुम्हे नही पता कि
वो तुम्ही हो
जिससे मैं घंटों बातें करती रहती हूँ
अपने सारे ख़ुशी और गम
कहकर अपना मन हल्का कर लेती हूँ। .
लेकिन फिर भी तुम्हे खोने से डरती हूँ
तुम बदल तो ना जाओगे मेरे दोस्त …………… जुलाई 14 ………………
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