मेरी क्या हैसियत है इस घर में,
हर वक्त की दुत्कार
हर वक्त की कोंच कौंच
कभी इसका काम
कभी उसका काम
फिर भी मैं कुछ भी नहीं
मेरी जिन्दगी,एक स्टाम्प बन कर
रह गई है
खाली एक स्टाम्प
जिसका जो दिल चाहे
मुझ पर स्टाम्प लगा दे
ये मेरी बीबी है स्टाम्प
ये मेरी माँ है स्टाम्प
ये मेरी बहन है स्टाम्प
भाभी,बेटी ,बहु --------
स्टाम्प-----स्टाम्प---- स्टाम्प
और मेरी नजर में
मैं सिर्फ एक
रबड़ के नीचे लिखे एक
पेन्सिल के अक्षर की तरह हूँ
अगर सही लगे तो ठीक
वरना रबड़ तो है ही
मिटा दो.......
हर वक्त की दुत्कार
हर वक्त की कोंच कौंच
कभी इसका काम
कभी उसका काम
फिर भी मैं कुछ भी नहीं
मेरी जिन्दगी,एक स्टाम्प बन कर
रह गई है
खाली एक स्टाम्प
जिसका जो दिल चाहे
मुझ पर स्टाम्प लगा दे
ये मेरी बीबी है स्टाम्प
ये मेरी माँ है स्टाम्प
ये मेरी बहन है स्टाम्प
भाभी,बेटी ,बहु --------
स्टाम्प-----स्टाम्प---- स्टाम्प
और मेरी नजर में
मैं सिर्फ एक
रबड़ के नीचे लिखे एक
पेन्सिल के अक्षर की तरह हूँ
अगर सही लगे तो ठीक
वरना रबड़ तो है ही
मिटा दो.......
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