About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, November 21, 2011

अजनबी

दी,
    ऐसा भी होता है क्या,दी.
कैसा?
    कि कोई दो जन जितना भी
अधिक समय साथ गुजारें
          एक हवा में साँस लें
उतना ही ज्यादा
   उतना ही ज्यादा क्या?
उतना ही ज्यादा
      एक दूसरे से अजनबी हो रहें
क्या तुम सचमुच
    ऐसा महसूस करती हो छुटकी
हैं,हाँ शायद
    या शायद नहीं,
शायद पता नहीं .....

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