About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, October 9, 2012

अजनबी

तुम कौन हो अजनबी,,
                   जो मेरी वीरान जिन्दगी में बाहर लेकर आये हो.
मैं तुम्हें जानती नही,,
                    पहचानती नही,,फिर भी तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ..
कौन हो तुम
         क्यों आये हो,,पतझड़ में फूल खिलाने
तुम भी चले जाओगे एक दिन,,
                     मुझे यूँ ही अकेला छोडकर 
तुम चले जाओ 
         इससे पहले कि 
मैं एक बार फिर से टूट कर बिखर जाऊँ
                  तुम चले जाओ अजनबी,,
मेरी जिन्दगी से चले जाओ,,
क्योंकि शायद एक बार का और टूटना 
मैं बर्दास्त ना कर पाऊ.........................

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