लो अजनबी ,
सिमटा लिया मैंने अपने आपको
वापिस उसी तरह
जैसे जी रही थी,तुमसे मिलने से पहले
पर तुम्हे नही भूल पाऊँगी,
तुमने मुझे पर तो दिए उड़ने के लिए
लेकिन जैसे ही मैं उडी
तुमने मुझे आकाश तक
पहुँचने ही नही दिया
और अपनी असलियत दिखा दी
लो अजनबी,सिमट गई मैं
वापिस
अब कभी न उड़ने और अजनबियों पर
कभी विस्वास न करने के लिए
सिमटा लिया मैंने अपने आपको .....................
dec.12.......
बहुत खूब
ReplyDeleteसादर