तुमने तो जाते हुए आराम से कह दिया \
कि रोना नही,,
मैंने भी भरी आँखों से तुम्हें वचन दे दिया,,,,,,,
जुबां से बोलती तो रो पड़ती
चुपके से सर हिला दिया मैंने ,,,,,,,,
अब महसूस किया उर्मिला का दर्द
जिसने विरह में 14 साल
आँसू गिरने ना दिए
पर मैं इन पलकों का क्या करूँ
जो मेरे आंसुओं का बोझ उठा ही नही पा रही........
6-10-12........
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