About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Wednesday, October 12, 2011

खुश्क आँसू

तुम क्या देख रही हो 
     मेरी सूनी आँखों में चमक 
मेरे उतरे हुए चेहरे पे बनावटी मुस्कान 
    मेरी  आँखों की झूठी चमक 
तेरे सामने मेरा हाल बयां कर रही है 
    मेरे ना चाहते हुए भी 
मेरी खुश्क आँखे 
   सब कुछ बयां कर गईं 
क्योंकि तू मुझे इतना चाहती है 
   कि मेरी खुश्क आँखों की नमी 
तेरी आँखों में दिख रही है  
    फिर क्यों मुझे छोड़ कर जा रही हो 
तू ना जा मेरे ........
       तू ना जा 
पता नही अब बिछुड़ने के बाद 
   फिर तू मुझसे मिल भी पाए या .......

No comments:

Post a Comment