About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Wednesday, October 19, 2011

हम

......
    तुम्हारा साथ मुझे हमेशा एक
बरसाती की तरह लगता है
        लगता है तेज बारिश भी मुझे
भिगो ना पायेगी,और
        तेज हवा मेरा रास्ता
न रोक सकेगी
     तुमने मेरी छोटी से छोटी बात भी
दशरथ के वचन सी मानी
        शायद तुम्हे नही मालूम
एक लड़की अपनी बात को
         जिन्दा रखने के लिए ही
खुद की परवाह किए बिना
     अपने में से दूसरे अंश को
जन्म देती है,
           तुम्हारे साथ रहकर ही
मुझमे सीता का सा रूप आता है
         मन करता है तुम्हारे एहसासों की
सांसों का हिस्सा बन जाऊँ
     बस मेरा ये अहसास  बनाये रखना
तुम+मैं =हम
    

3 comments:

  1. वाह मिष्टी!
    तुम कितनी नज़ाकत से
    अपने आप को बयान कर पाती हो
    तुम्हारी हंसी की खिलखिलाहट जैसे गूँज रही हो
    या फिर सिसकता मन रूह को छु रही हो
    तुम्हारा अल्हड़पन इस अदा से हमे बाँध रही हो
    जैसे कई जन्मो से हम तुम मीत रहे हो
    तभी तो आज भी तुम्हारी हर बात
    मेरे याद को ताज़ा कर रही हो

    क्यों क्या ऐसा मुम्किन नहीं!!!!

    Never mind Mishty, I am just like u, very emotional so i can relate to u....

    Outstanding!!!! Great work!!!

    Keep it up

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  2. आपके com.मेरा हौसला बडाते हैं,हो सकता है हम पिछले जन्म के साथी हों,जो इस जनम में नवीन की बदौलत फिर से मिल रहें हों,इस जनममें ये एक सूत्रधार की भूमिका निभा रहे हों,क्योंकि कोई इतनी सहजता से मुझे समझ नहीं पाता.एक बार फिर से शुक्रिया...

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