......
तुम्हारा साथ मुझे हमेशा एक
बरसाती की तरह लगता है
लगता है तेज बारिश भी मुझे
भिगो ना पायेगी,और
तेज हवा मेरा रास्ता
न रोक सकेगी
तुमने मेरी छोटी से छोटी बात भी
दशरथ के वचन सी मानी
शायद तुम्हे नही मालूम
एक लड़की अपनी बात को
जिन्दा रखने के लिए ही
खुद की परवाह किए बिना
अपने में से दूसरे अंश को
जन्म देती है,
तुम्हारे साथ रहकर ही
मुझमे सीता का सा रूप आता है
मन करता है तुम्हारे एहसासों की
सांसों का हिस्सा बन जाऊँ
बस मेरा ये अहसास बनाये रखना
तुम+मैं =हम
तुम्हारा साथ मुझे हमेशा एक
बरसाती की तरह लगता है
लगता है तेज बारिश भी मुझे
भिगो ना पायेगी,और
तेज हवा मेरा रास्ता
न रोक सकेगी
तुमने मेरी छोटी से छोटी बात भी
दशरथ के वचन सी मानी
शायद तुम्हे नही मालूम
एक लड़की अपनी बात को
जिन्दा रखने के लिए ही
खुद की परवाह किए बिना
अपने में से दूसरे अंश को
जन्म देती है,
तुम्हारे साथ रहकर ही
मुझमे सीता का सा रूप आता है
मन करता है तुम्हारे एहसासों की
सांसों का हिस्सा बन जाऊँ
बस मेरा ये अहसास बनाये रखना
तुम+मैं =हम
वाह मिष्टी!
ReplyDeleteतुम कितनी नज़ाकत से
अपने आप को बयान कर पाती हो
तुम्हारी हंसी की खिलखिलाहट जैसे गूँज रही हो
या फिर सिसकता मन रूह को छु रही हो
तुम्हारा अल्हड़पन इस अदा से हमे बाँध रही हो
जैसे कई जन्मो से हम तुम मीत रहे हो
तभी तो आज भी तुम्हारी हर बात
मेरे याद को ताज़ा कर रही हो
क्यों क्या ऐसा मुम्किन नहीं!!!!
Never mind Mishty, I am just like u, very emotional so i can relate to u....
Outstanding!!!! Great work!!!
Keep it up
thanks rupa ji
ReplyDeleteआपके com.मेरा हौसला बडाते हैं,हो सकता है हम पिछले जन्म के साथी हों,जो इस जनम में नवीन की बदौलत फिर से मिल रहें हों,इस जनममें ये एक सूत्रधार की भूमिका निभा रहे हों,क्योंकि कोई इतनी सहजता से मुझे समझ नहीं पाता.एक बार फिर से शुक्रिया...
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