About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, September 30, 2012

नया सवेरा

सूर्य की रौशनी 
            हर तरफ उजाला करती है
फिर मेरे दिल के भीतर ही 
               क्यों अँधियारा छाया है ,,,,,,,
क्या मेरे लिये भी सूर्य कभी 
                      अपने अंदर छुपा के लाएगा सवेरा;
सवेरा !
        जो मेरे अंदर से 
अंधियारे को भगा देगा ,,,,
           वो सवेरा जो सिर्फ मेरे लिये होगा 
एक नया सवेरा ,,मेरा सवेरा 
       जो आएगा तो सिर्फ  
मेरे अधरों पे मुस्कान बिखेरने के लिए 
                जो होगी मेरी मुस्काती सुबह.......................

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