जिसके लिए सोचा करती थी
कि अगर उसे ना पाया
तो मर जाउंगी
उसके बिना क्या जिंदगी
उसको पाया तो लगा
ये मेरा वहम था
शायद उसको खो दूँ तो
जी पाऊं अपनी ज़िन्दगी।
………………………
मिट गए सरे वहम भी
लो,हम तो तुम्हे खोकर भी
शायद खुश खुश जी रहे हैं। ....
…………………
मैं जिसके लिए सब सहती रही
जिसके लिए मर मर के जीती रही
वो तो जी ही किसी और के लिए रहा है
मैं तो मन बहलाने का साधन मात्र हूँ। ………… 20/2/14..........
कि अगर उसे ना पाया
तो मर जाउंगी
उसके बिना क्या जिंदगी
उसको पाया तो लगा
ये मेरा वहम था
शायद उसको खो दूँ तो
जी पाऊं अपनी ज़िन्दगी।
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मिट गए सरे वहम भी
लो,हम तो तुम्हे खोकर भी
शायद खुश खुश जी रहे हैं। ....
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मैं जिसके लिए सब सहती रही
जिसके लिए मर मर के जीती रही
वो तो जी ही किसी और के लिए रहा है
मैं तो मन बहलाने का साधन मात्र हूँ। ………… 20/2/14..........
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