About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, February 23, 2014

सोच

जिसके लिए सोचा करती थी 
            कि अगर उसे ना पाया 
तो मर जाउंगी 
      उसके बिना  क्या जिंदगी 
उसको पाया तो लगा 
        ये मेरा वहम था 
शायद उसको खो दूँ तो 
           जी पाऊं  अपनी ज़िन्दगी। 
……………………… 
                 मिट गए सरे वहम भी 
लो,हम तो तुम्हे खोकर भी 
           शायद खुश खुश जी रहे हैं। .... 
…………………
           मैं जिसके लिए सब सहती रही 
जिसके लिए मर मर के जीती रही 
      वो तो जी ही किसी और के लिए रहा  है 
मैं तो मन बहलाने का साधन मात्र हूँ। ………… 20/2/14..........

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