मैं हँसतीं हूँ
दुख दर्द सभी में हंसती हूँ ,
लेकिन हंसते हंसते मेरी बनावट थक जाती है
खुशी थक जाती है,
ऐसे ही कभी कभी हमारी आँखें भी
रोते रोते थक जाती हैं
थक जाती है मेरी उदासी भी
और मैं इन सबसे दूसरी तरफ
मुंह घुमा लेती हूँ
उदासी की तरफ से पीठ कर लेती हूँ,
ताकि हंसी की छाँव में
खुशी के साथ कुछ पल
आराम कर सकूं
क्योंकि फिर मुझे कोई वापिस खड़ा कर देगा
फिर उसी आंसुओं की कड़ी धूप में
चलने के लिए.....
दुख दर्द सभी में हंसती हूँ ,
लेकिन हंसते हंसते मेरी बनावट थक जाती है
खुशी थक जाती है,
ऐसे ही कभी कभी हमारी आँखें भी
रोते रोते थक जाती हैं
थक जाती है मेरी उदासी भी
और मैं इन सबसे दूसरी तरफ
मुंह घुमा लेती हूँ
उदासी की तरफ से पीठ कर लेती हूँ,
ताकि हंसी की छाँव में
खुशी के साथ कुछ पल
आराम कर सकूं
क्योंकि फिर मुझे कोई वापिस खड़ा कर देगा
फिर उसी आंसुओं की कड़ी धूप में
चलने के लिए.....
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