About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, February 2, 2012

बनावटी

मैं हँसतीं हूँ  
दुख दर्द  सभी  में  हंसती  हूँ ,
      लेकिन हंसते  हंसते  मेरी  बनावट  थक  जाती  है
खुशी  थक  जाती  है,
ऐसे  ही  कभी  कभी  हमारी  आँखें  भी  
          रोते  रोते  थक   जाती  हैं
थक  जाती  है  मेरी  उदासी  भी 
और  मैं  इन सबसे  दूसरी  तरफ 
     मुंह  घुमा  लेती  हूँ
उदासी  की तरफ  से  पीठ कर  लेती  हूँ,
ताकि  हंसी की छाँव  में 
       खुशी  के साथ  कुछ  पल 
आराम  कर  सकूं 
      क्योंकि फिर मुझे  कोई  वापिस खड़ा  कर देगा 
फिर उसी  आंसुओं  की  कड़ी  धूप  में 
        चलने  के लिए.....

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