About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, February 18, 2012

इंतज़ार

मेरी भीगी आँखें
       तुमसे बहुत कुछ कहना चाहती हैं
लेकिन तुम्हारी इधर उधर होती
                         निगाहों  को देखकर
चुप रह जाती हैं
            मेरा मुरझाया चेहरा
तुम्हें अपने बारे में बताना चाहता है
           लेकिन तुम्हारा रुख
मुझे चुप कर जाता है
         मेरे खामोश लब
ख़ामोशी से ही तुम्हें
        कुछ बतलाना चाहते हैं
लेकिन,
      मेरे आने के बाद तुम्हारी
व्यस्तता दिखाना
    उन्हें खामोश रहने पर मजबूर
कर देते हैं
क्या कभी तुम समझोगे मेरी दास्ताँ
     मेरी खामोश दास्तां
मेरे घर के तीज त्योहारों
      जन्मदिन,शादी की सालगिरह पर
मेरा बनावटी हंसता चेहरा
     तुम्हे ढूंढता   है
सचमुच खुश होकर बोलना
       चाहता है
बोलना चाहता है कि
                   तुम आ गए भैया
क्या सच में तुम आ गए
    क्या किसी बुरी घटना घटने
से पहले
  तुम मेरे घर आओगे भैया 
      भाभी और भतीजे के साथ
तुम आओगे भैया?
     
मन टूट जाते हैं
    पर
रिश्ते नहीं टूटते..... 

No comments:

Post a Comment