जब तक तुम साथ थे
मुझे तुम्हारा महत्व पता ही नही चला
लेकिन अब जब तुम मेरे पास नही हो
तब लगता है कि
तुम तो मेरी सांसो से भी ज्यादा
जरूरी हो मेरे लिए
जैसे सूरज के डूब जाने पर
चाँद सूरज को रौशनी उधार देकर
उजियारा कर रहा हो
ऐसे ही तुम, तुम्हारी यादें
मुझे यादों की रौशनी के सहारे
जिला रही हैं
लेकिन चाँद चाहें जितनी कोशिश करे
वह रात को दिन तो नहीं कर
कर पायेगा
फिर मैं, मैं तो जीती ही हूँ
सिर्फ ..........
फिर तुम्हारी यादें मुझे कैसे .......
जब हम अपने हाथों
अपने आँसू मोल लेते हैं
तो हम ही दर्द का सौदा भी करते हैं
शायद इसीलिए दर्द और आँसू
हमें इतनी तकलीफ नहीं देते......
मुझे तुम्हारा महत्व पता ही नही चला
लेकिन अब जब तुम मेरे पास नही हो
तब लगता है कि
तुम तो मेरी सांसो से भी ज्यादा
जरूरी हो मेरे लिए
जैसे सूरज के डूब जाने पर
चाँद सूरज को रौशनी उधार देकर
उजियारा कर रहा हो
ऐसे ही तुम, तुम्हारी यादें
मुझे यादों की रौशनी के सहारे
जिला रही हैं
लेकिन चाँद चाहें जितनी कोशिश करे
वह रात को दिन तो नहीं कर
कर पायेगा
फिर मैं, मैं तो जीती ही हूँ
सिर्फ ..........
फिर तुम्हारी यादें मुझे कैसे .......
जब हम अपने हाथों
अपने आँसू मोल लेते हैं
तो हम ही दर्द का सौदा भी करते हैं
शायद इसीलिए दर्द और आँसू
हमें इतनी तकलीफ नहीं देते......
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