About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, February 2, 2012

कमी

जब तक तुम साथ थे 
      मुझे तुम्हारा महत्व पता ही नही चला 
लेकिन अब जब तुम मेरे पास नही हो 
         तब लगता है कि
तुम  तो मेरी सांसो से भी ज्यादा 
      जरूरी हो मेरे लिए 
जैसे सूरज के डूब जाने पर 
          चाँद सूरज को रौशनी उधार देकर 
उजियारा कर रहा हो 
        ऐसे ही तुम, तुम्हारी यादें 
मुझे यादों की रौशनी के सहारे 
       जिला रही हैं
लेकिन चाँद चाहें जितनी कोशिश करे
वह रात को दिन तो नहीं कर 

       कर पायेगा 
फिर मैं, मैं तो जीती ही हूँ 
      सिर्फ ..........
फिर तुम्हारी यादें मुझे कैसे .......






जब हम अपने हाथों 
           अपने आँसू मोल लेते हैं
तो हम ही दर्द का सौदा भी करते हैं
            शायद इसीलिए दर्द और आँसू
हमें  इतनी तकलीफ नहीं देते...... 

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