मेरे घर के सामने
एक मुस्लिम परिवार रहता है
वो मुस्लिम और मैं हिंदू
बिलकुल एक दूसरे से जुदा
मुझे बोला जाता है कि उनसे बात ना करूं
क्योंकि वो और हम समान विचारों के नही हैं
लेकिन मुझे समानता दिखती है
उनके यहाँ का बकरा
और अपने घर पर मैं
वो रस्सी से बंधा रहता है
मैं रुनझुन करती पाजेब से
सारे समय बच्चे उससे खेलते रहते हैं
मैं परिवार के बच्चे खिलाती हूँ
उसे ईद के लिये लाया गया है
मुझे दुनियादारी के लिये
उसको मोटा ताज़ा करने को
बढिया घास खिलाते हैं
मुझे दिखावे के लिये
सज धज कर रहना पड़ता है
वरना मायका और ससुराल
दोनों ही रूठ जायेंगे,
बस एक ही अंतर हैं
उसका ईद का एक दिन तय है
लेकिन मुझे उसमे भी समानता दिखती है
उसको अपने हलाल होने का
एक दिन मालूम नही है
मैं रोज हलाल होती हूँ
पर मुझे झटके का
दिन मालूम नही है ....
एक मुस्लिम परिवार रहता है
वो मुस्लिम और मैं हिंदू
बिलकुल एक दूसरे से जुदा
मुझे बोला जाता है कि उनसे बात ना करूं
क्योंकि वो और हम समान विचारों के नही हैं
लेकिन मुझे समानता दिखती है
उनके यहाँ का बकरा
और अपने घर पर मैं
वो रस्सी से बंधा रहता है
मैं रुनझुन करती पाजेब से
सारे समय बच्चे उससे खेलते रहते हैं
मैं परिवार के बच्चे खिलाती हूँ
उसे ईद के लिये लाया गया है
मुझे दुनियादारी के लिये
उसको मोटा ताज़ा करने को
बढिया घास खिलाते हैं
मुझे दिखावे के लिये
सज धज कर रहना पड़ता है
वरना मायका और ससुराल
दोनों ही रूठ जायेंगे,
बस एक ही अंतर हैं
उसका ईद का एक दिन तय है
लेकिन मुझे उसमे भी समानता दिखती है
उसको अपने हलाल होने का
एक दिन मालूम नही है
मैं रोज हलाल होती हूँ
पर मुझे झटके का
दिन मालूम नही है ....
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