About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, April 15, 2014

कैसे मिलूं

मैं सुन रही हूँ पापा
       बोलो ना
आवाज़ दो मुझे
       बोलो ना पापा
लाड़ली ,बिट्टो,और वो
     गीता रानी बड़ी सयानी
पीती  दूध बताती पानी Photo: DEAR PAPA,
HEAVENS GOT A NEW ANGEL ,
WE LOVE U ND MISS U A LOT ,
REST IN PEACE
               बोलो ना पापा
मेरी लाड़ली री, मेरी लाड़ली तू बनी है
तारों की तू रानी
             कैसी रानी पापा
आपके बिना
      बोलो  ना
                     सिर्फ एक बार बुलाओ ना पापा
अच्छा चलो मैं ही वो गाना गाती हूँ
                  जो हमेशा आपको चिट्ठी में लिख कर देती थी
   सात समुन्दर पार से गुड़ियों के बाजार से
           अच्छी सी गुड़िया लाना,गुड़िया चाहें मत लाना
पर पापा जल्दी आ जाना ,
              कैसे बुलाऊँ अब आपको पा
अब चिट्ठी कहाँ भेजूं
         जहाँ से मुझे आपका जवाब मिले

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