छोड़ गए ना आप भी मुझे
आप तो मुझे कंठमाला बोलते थे ना
मेरी आँखों के सामने
बांध कर ले गए
और मैं देखती रही
कभी -कभी नज़र आता
कि जल गई होगी चिता
और मैं
चुप बैठी हुई
सिर्फ आंसुओं की लडियां पिरोती रही
दूर से ही,चिता में फेंकती रही
अपने आंसुओं की माला
अलग अजीब सा धुंआ
उड़ आया मेरे पास
देखती रही सुने आकाश को
घंटों,अश्रुपूर्ण नेत्रों से
आँखे पथरा गईं ,पक्षी मौन हो गए
और मैं
चुप खड़ी सोचती रही
क्या सचमुच
छोड़ गए
आप अपनी लाड़ली को ............. मार्च 14
आप तो मुझे कंठमाला बोलते थे ना
मेरी आँखों के सामने
बांध कर ले गए
और मैं देखती रही
कभी -कभी नज़र आता
कि जल गई होगी चिता
और मैं
चुप बैठी हुई
सिर्फ आंसुओं की लडियां पिरोती रही
दूर से ही,चिता में फेंकती रही
अपने आंसुओं की माला
अलग अजीब सा धुंआ
उड़ आया मेरे पास
देखती रही सुने आकाश को
घंटों,अश्रुपूर्ण नेत्रों से
आँखे पथरा गईं ,पक्षी मौन हो गए
और मैं
चुप खड़ी सोचती रही
क्या सचमुच
छोड़ गए
आप अपनी लाड़ली को ............. मार्च 14
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