About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, April 15, 2014

छोड़ गए ना

छोड़  गए  ना आप भी मुझे
                आप तो मुझे कंठमाला  बोलते थे ना
मेरी आँखों के सामने
                बांध कर ले गए
और मैं देखती रही
              कभी -कभी नज़र आता
कि  जल गई होगी चिता
           और मैं
चुप बैठी हुई
         सिर्फ आंसुओं की लडियां पिरोती  रही
दूर से ही,चिता में फेंकती रही
            अपने आंसुओं की माला
अलग अजीब सा धुंआ
          उड़  आया मेरे पास
देखती रही सुने आकाश को
        घंटों,अश्रुपूर्ण नेत्रों से
आँखे पथरा गईं ,पक्षी मौन हो गए
और मैं
चुप खड़ी सोचती रही
                     क्या सचमुच
छोड़ गए
    आप अपनी लाड़ली को ............. मार्च 14
         

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