About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, April 29, 2014

तन्हा

तन्हा सफर ……… एक और दिन…………
             क्या सच मे इसी को जीवनसाथी कहते हैं 
जो जनता है कि मै क्या   चाहती हूँ 
               फिर भी वो उसके उलट ही  काम करता है
क्या इसे ही  जीवनसाथी कहते हैं.
          मैं यहाँ रहूँ वो वहां रहे 
दोनों तनहा 
       अकेले चार दिवारी मे
तनहा रात  क एक ओर सफ़र………। 27 -4 -14 ………।

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