कहाँ देखूं आपको
नदी के बहाव में
जहाँ अष्थियाँ विसर्जित हुईं थीं वहां
या शमशान घाट पर
जहाँ अग्नि के सुपुर्द कर दिया था
या उस पलंग पर
जहाँ आपने समय पूछ घडी देखी थी
अपने जाने की घडी
वो बिछोह की घडी
यादें अनगिनत लहरों की तरह
सांसो में समां कर रह गईं
एक,सिर्फ एक के जाने से
कितने रिश्ते अनाथ हो गए
कितने रिश्ते
अधूरे हो गए======पापा
नदी के बहाव में
जहाँ अष्थियाँ विसर्जित हुईं थीं वहां
या शमशान घाट पर
जहाँ अग्नि के सुपुर्द कर दिया था
या उस पलंग पर
जहाँ आपने समय पूछ घडी देखी थी
अपने जाने की घडी
वो बिछोह की घडी
यादें अनगिनत लहरों की तरह
सांसो में समां कर रह गईं
एक,सिर्फ एक के जाने से
कितने रिश्ते अनाथ हो गए
कितने रिश्ते
अधूरे हो गए======पापा
No comments:
Post a Comment