किसी के साथ अपनी जिन्दगी के सबसे
सुनहरे पल
हंसकर ,रोकर .सुखी रहकर दुखी रहकर
जैसे भी तुमने गुजारे
तुमने उस अजनबी को
अपना सर्वस्व दे दिया
१ उम्र बिता दी उसके साथ
जब वही अजनबी
जो आपका सब कुछ हो चूका है
आपको बोले की तुमने किया ही क्या है
मेरे लिए
तब आपका पूरा अस्तित्व
एक पल में
बिखर जाता है,टूटे हुए कांच की तरह ......मिष्टी 29\9\12
सुनहरे पल
हंसकर ,रोकर .सुखी रहकर दुखी रहकर
जैसे भी तुमने गुजारे
तुमने उस अजनबी को
अपना सर्वस्व दे दिया
१ उम्र बिता दी उसके साथ
जब वही अजनबी
जो आपका सब कुछ हो चूका है
आपको बोले की तुमने किया ही क्या है
मेरे लिए
तब आपका पूरा अस्तित्व
एक पल में
बिखर जाता है,टूटे हुए कांच की तरह ......मिष्टी 29\9\12
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