About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Friday, September 28, 2012

हम

मेरे हाथ में तेरा हाथ है 
              लेकिन स्पर्श की गर्माहट नही है,,
मेरी आँखों में तेरी आँखे हैं 
             लेकिन दिखता (ध्यान में ) तू नही है,,,,,,,,,
मेरे पास में तू है 
            लेकिन वो  एहसास नही है 
मेरे लिये तू ही सर्वस्व है 
             लेकिन मेरा दिल अब मेरा नही है 
तेरे बदलते जिन्दगी के मायने ने 
हमें -हम से ,,
             तू और मैं बना दिया ........................
     OCT..11...............

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