About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, September 25, 2012

ठहराव

कौन है,,जो मेरे ठहरे हुए व्यक्तित्व को झंकार रहा है,,
                      कौन है जो ठहरे हुए पानी में कंकड़ी मार कर
मेरा अस्तित्व हिला रहा है..
       कौन है जो मेरे ठहरे हुए जीवन को
मनमौजी बनाने को विवश कर रहा है
                 कौन है,,,,,,,,,,,,,,,,
क्या वो तुम हो...........................
             अगर तुम हो तो
चले जाओ................
             मुझे ऐसे ही रहने दो
मुझे इसकी आदत हो चुकी है.................
         

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