About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, August 10, 2013

विश्वास की हत्या

जहाँ  तुम मेरे  विश्वास  की 
                  हत्या कर  रहे थे 
वहां मै  तुम्हे सोचकर मुस्कुरा रही थी 
             मेरा विश्वास तुमने इतने हल्के से तोड़ा 
कि  कोई आहट  तक ना हुई,,
            मुझे एक हिचकी तक ना आई                
 पर एक बात बोलूं ,

विश्वास  तोड़ने में जितने पल नही लगते 
              विश्वास  जमाने में उससे कहीं ज्यादा 
बरस लग जाते हैं …
                           मैं तुमसे आज भी उसी तरह बोलती हूँ 
तुम्हे हल्का सा भी महसूस  नही होने देती,
लेकिन 
        कहीं जो मेरे भीतर टुकड़े हुए हैं 
वो चुभन मुझे हर बार महसूस होती है      
                                  जब जब  तुम याद आते हो,,
क्या कभी जगा पाओगे वही विश्वास ……………………… जून  9.............13................
             

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