अब ख़्वाब भी इजाजत मांगते हैं
मुझसे
क्योंकि हकीकत उन्हें रोज़
बेरहमी से कुचल रही है
क्या कहूँ मैं ,,
अपने ख्वाबों से
कि तुम्हारे सहारे ही तो तो मैं जिंदा हूँ
पर तुम्हे यूँ पल पल
मरता भी तो नही देख सकती ना जाओ
जाओ मेरे ख्वाबों
अब तुम भी मुझे छोड़ के चले जाओ
अब ख़्वाब भी इजाजत मांगते हैं। ………. 28 aug.........
मुझसे
क्योंकि हकीकत उन्हें रोज़
बेरहमी से कुचल रही है
क्या कहूँ मैं ,,
अपने ख्वाबों से
कि तुम्हारे सहारे ही तो तो मैं जिंदा हूँ
पर तुम्हे यूँ पल पल
मरता भी तो नही देख सकती ना जाओ
जाओ मेरे ख्वाबों
अब तुम भी मुझे छोड़ के चले जाओ
अब ख़्वाब भी इजाजत मांगते हैं। ………. 28 aug.........
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