About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, August 12, 2013

तेरा साथ

जब भी मैं तनहा होती हूँ
                             मेरा एकाकीपन मुझे  बहुत तकलीफ देता है 
मैं डर  जाती हूँ,तुम्हे पुकारना चाहती हूँ 
                        कोई अंजाना भय मेरी आवाज़ बंद कर  देता है 
मुझे कोई नजर नही आता 
                       और भय के कारण  जब मैं जाग जाती हूँ 
तो देखती हूँ,सभी तो मेरे साथ हैं  
                       मैं किसी छोटे बच्चे की तरह   
तुम्हारी बाँहों में सिमट जाती हूँ 
                                       और तुम भी 
मुझे नन्हे बच्चे की तरह से 
                          अपने में सिमटा लेते हो,
तब मैं बहुत  गर्वित महसूस करती हूँ 
                                      तुम्हे निहारती रहती हूँ,घंटों 
और फिर मीठे -२ सपनो में खो जाती हूँ 
                             वो पल मुझे सारे गम भुला देते है। ………… AUG 13...........



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