About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Saturday, August 24, 2013

एक बार तो आ जाओ

एक बार तो आ जाओ 
अब तो आसूं भी हथेली को सुलगाने लगे
तुम  इन आसुओं पर पहरा लगाने आ जाओ 
मैं खुश हूँ बहुत ये बात मुझे अपने को न समझानी पड़े
अब तो आ जाओ की ये बात भी सच लगने लगे
मुझे मेरे ख्वाबों से निकलने के लिए
एक बार तो हकीकत बन के आ जाओ 
कुछ यादें इतनी प्यारी होती हैं
        कि
उनके साथ जिन्दगी भी बिता सकती हूँ
लेकिन उन यादों को जिलाने के लिए तो आ जाओ
अब तो आ जाओ की सांसे भी मेरी थमने चली
इससे पहले की ये टूट जाएँ आ जाओ
लो चली मैं इस दुनिया से खफ़ा होकर
चाँद तारे मेरी मांग में भरने के लिए आ जाओ 
आखिर और कब तक अपने से ही बात करूँ
आखिर कब तक तन्हाई से लड़ाई करूँ  
लो चली अब तो विदा करने के लिए आ जाओ
अब तुम्हे कोई नही,कोई नही पुकारेगा
इसी ख़ुशी में तो एक बार आ जाओ। ……………………….

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