About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, August 11, 2013

रिश्ता

मैं क्या हूँ  तुम्हारी 
                     कभी समझ ही नही पाती 
तुम ही समझा दो 
                  कि  तुम मेरे क्या हो 
कब तक  ऐसे  जियूं 
                     इसी उहापोह  में मेरी आधी उम्र बीत  गई 
पर  समझ न  पाई 
                  कि  कौन हूँ मैं तुम्हारी 
और तुम मेरे 
             हाँ दुनिया की नजरों  में 
है एक रिश्ता 
       मेरा तुम्हारा 
पर सच में क्या रिश्ता है 
               मेरा  तुम्हारा 
कभी लगता है, मैं और तुम 
                         और कोई नही इस जहाँ में 
सबसे बड़ा और गहरा रिश्ता  हमारा 
          और कभी लगता है 
मुझे  छोडकर तुम सब  हो 
                             बस  मैं ही नही हूँ कोई तुम्हारी 
सिर्फ एक शून्य हूँ,
              जिसको जब मन चाहे 
किसी के भी पीछे लगा दो
                 क्यूंकि आगे मेरा कोई अस्तित्व ही नही है ...................AUG 13.

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