About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, August 11, 2013

चित्कार

इक आह जो बरसो से मेरे अन्दर चीत्कार कर रही है,
                       सोचती हूँ जब वो बहार निकलेगी तो क्या होगा,,
मेरी बरसो की ओड़ी हुई मुस्कान
                               वो सबको भगा  ले जाएगी अपने साथ
इतने सालों  जो मै उधार की हंसी हंसकर
                        ना सिर्फ दूसरों को बनाती रही
वरन खुद को भी ठगती रही                      
                      उसका क्या होगा
सब धूल धूसरित हो जाएगा
                          मैं ठगनी खुद ही ठगी रह जाउंगी,,,,,,,,
पर अब नही जी पाऊँगी,
Photo: by Vimal Chandran 
                     
                            मेरा रोम रोम चीत्कार रहा है
अब वो मुझ ठगिया से
                   उकता रहा है
मेरा रोम रोम चित्कार रहा है

                       11 AUG..................         

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