About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Thursday, March 23, 2017

सुन,,
      तडप तो तुम भी रहे हो ,,
रह तो तुम भी नही पा रहे मेरे बिन,,
                              आँखे तो तुम्हारी भी नम हैं,,
तो क्यों नही आ जाते ,,
जानती हूँ ये ईगो नही ,पर कुछ तो है जो रोके है, तुम्हे भी..
                                  जानती हूँ,दिन से ज्यादा तुम्हे रात गुजारनी भारी पड़ती है,
क्योंकि
                              चुप चुप तुम जो मुझे पढ़ते हो,

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वो अल्फ़ाज़ तुम्हे चुभते हैं रात भर,,
                           मेरी आँखों के आंसू
तुम्हारे बदन को भिगोते  है
                          वैसे ही,जैसे तुम्हारी आँखों की  नमी
मुझे भिगो रही है..
                             क्या  तुम्हारी आँख  मेरे लिए नम नही,
 उतार दो ये दिखावे का मुखौटा
                      आ जाओ,सारे बंधन तोड़ के,
                                   आवाज़ दो मुझे एक बार.दो ना....मिष्टी 23-3-17

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