About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, March 5, 2017

खामोश लम्हे

खामोश हो तुम ,,कुछ लम्हे ख़ामोश   होते हैं,
                                               जो अक्सर तन्हाई में चीत्कार करते हैं ,
तुम्हारा अहसास हरदम मुझमे एक खुशबू बिखेरे हुए है,जो  तुम्हे भूलने नही देता.
                                            अनजानी डोर से.वही अनजाने अजनबी लम्हे मुझे तुम्हारी और खींचते रहते हैं,

तुम्हारी ख़ामोशी तोडती है मुझे,हर पल। तुम्हारी ख़ामोशी में शिकायत दिख रही है मुझे 
                     दिल में दर्द सा है,अगर ख़ामोशी सुना  देते ,तो इस तरह तडपती नही,,
तुम कहते थे कि मेरे दुःख से टूट जाते हो तुम ,,
               अब तुम्हारी ख़ामोशी ने तोड़ दिया है मुझे,क्या मेरा बिखराव सहन कर पा रहे हो ?
        एक बार बता ही जाते,तो कम से कम ये अँखियाँ जो झर  झर बरसती नदी  बनती जा रही हैं ,,
        
          Image result for image sad love alone free download       शायद कोई समुद्र का किनारा तलाश कर लेती,,
                        अहसास तुम्हारा मुझे मरने  नही देता,,
पर आज भी तुम्हारी ख़ामोशी से बिखर रही हूँ मैं,
                                                                  मिष्टी

                                                                            5 /3 /17 खामोश लम्हे 

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