ये कैसा जीवन है मेरा,,
जैसे मैं ,,मैं नही
हवन सामग्री जैसी कोई चीज हूँ ,,
जिसे हर कोई अपनी सुविधानुसार
यज्ञ में आहुति दे सकता है,,
सिर्फ अपनी भलाई के लिए........
स्वाहा कर देगा ,,
और जलती रहूंगी,अपने भस्म ना हो जाने तक,,
या सामने वाला मुझे तब तक होम करता रहेगा
जब तक उसकी मनोकामना पूर्ण ना.हो ....... मिष्टी
जैसे मैं ,,मैं नही
हवन सामग्री जैसी कोई चीज हूँ ,,
जिसे हर कोई अपनी सुविधानुसार
यज्ञ में आहुति दे सकता है,,
सिर्फ अपनी भलाई के लिए........
स्वाहा कर देगा ,,
और जलती रहूंगी,अपने भस्म ना हो जाने तक,,
या सामने वाला मुझे तब तक होम करता रहेगा
जब तक उसकी मनोकामना पूर्ण ना.हो ....... मिष्टी
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