About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Sunday, March 5, 2017

मेरी बेटी

मेरी ख्वाहिशों को
दुबारा उपजाकर पालती  मेरी बेटी ,,
            मेरे सोये अरमानो को जगाकर
फिर से उन्हें सजाकर
                           मिटटी में दबे मेरे सपनो को
सींचती मेरी बेटी,,
                      अपने रूप में फिर से मेरा बचपन
वापिस लाती,मेरे कपड़ों में
             वही बचपन को दुलारती मेरी बेटी
नमी ,,अब बड़ी हो गई है..अपने प्यार की नमी से मुझे भिगोती मेरी बेटी...नमी,,,,,,,,,,,,,,,मिष्टी  ...... 

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