मैं कौन हूँ /
मैं भर बहते सागर से
इक लहर की तरह उठी हूँ ,,
अपने सागर को सज़दा करने
जब भी तुम्हे याद करती हूँ,,
इक आसमानी रंग में ढली
गुलाबी रौशनी में भीग जाती हूँ,
तुममे खो जाती हूँ
मिष्टी..........26/2/17
मैं भर बहते सागर से
इक लहर की तरह उठी हूँ ,,
अपने सागर को सज़दा करने
जब भी तुम्हे याद करती हूँ,,
इक आसमानी रंग में ढली
गुलाबी रौशनी में भीग जाती हूँ,
तुममे खो जाती हूँ
मिष्टी..........26/2/17
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