About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Wednesday, March 8, 2017

ये तेरे दीदार की प्यास थी ,    
                    कि मैंने हर उस राह जाते
                                             हर मुसाफिर की सेवा की,
जब वो राहत  गुजरकर मुझे दुआ देते,तो
                     मुझे तेरे मिलन की आस नज़र  थी...
वो दुआ के लिए हाथ उठाते थे,
                    मुझे आसमाँ  से   तेरे दीदार घूंट मिलता था......... मिष्टी
5 \11 \16 

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