भोगों को हमने नही भोगा
भोगों ने मुझको भोगा।
मैंने जिंदगी में तप नही किया
जिंदगी ने ही मुझको तपा ,दिया,
जिंदगी नही,काल नही,समय नही बीता
बीती तो मैं ,, स्वयं ही बीतती गई
आशा ,, ,तृष्णा ,ख्वाहिश ,उम्मीद आशा
कुछ नही मरा
मरी तो मैं
सूर्य नही ढला ,,
ढलती गई मैं
शायद एक दिन मैं भी जियूँगी अपनी जिंदगी,,
ज़िन्दगी ढोऊंगी नही,,
एक आस,,एक उम्मीद एक ख्वाहिश लिए। मिष्टी>>>>>>>>>-2 2--17 .
भोगों ने मुझको भोगा।
मैंने जिंदगी में तप नही किया
जिंदगी ने ही मुझको तपा ,दिया,
जिंदगी नही,काल नही,समय नही बीता
बीती तो मैं ,, स्वयं ही बीतती गई
आशा ,, ,तृष्णा ,ख्वाहिश ,उम्मीद आशा
कुछ नही मरा
मरी तो मैं
सूर्य नही ढला ,,
ढलती गई मैं
शायद एक दिन मैं भी जियूँगी अपनी जिंदगी,,
ज़िन्दगी ढोऊंगी नही,,
एक आस,,एक उम्मीद एक ख्वाहिश लिए। मिष्टी>>>>>>>>>-2 2--17 .
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