About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Tuesday, March 7, 2017

ओस की बूँद

तेरी आवाज़ की बारिश में
                            भीगा मेरा नाम 
तुझे सूखे हुए पत्ते की तरह
                         इधर से उधर
उड़ता गिरता ढूंढता फिर रहा है
                      एक बार फिर उस पत्ते को हरा कर दो 
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उसे नाम से बुला कर
                   ओस की बूँद में भिगो दो 
सरावोर कर दो 
फिर अपने लव्जो की बारिश से
                मुझे  पुकारो
बोलो ना
         मेरा नाम,, एक बार 
----------मिष्टी 28\2\17

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