About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, August 29, 2011

डर

प्यार के बाद डर नहीं ,विश्वास आना चाहिए
क्योकि हमें जो चाहिए वह हमको मिल गया ,
लेकिन डर का मतलब है कि हमने इतना ज्यादा
किसी को प्यार कर लिया कि अब सारा विश्वास उस डर के
पीछे छिप जायेगा .
चारो तरफ से वो डर इतना छा जायेगा कि वश्वास कहीं हमें
छोटा लगने लगेगा .
इसलिए प्यार को प्यार ही रहने दो ,बिना किसी कारण
उसे अपने ऊपर हावी न होने दो ,
इंसान को इंसा ही बने रहने दो ,देवता न बनाओ...

2007

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