About Me

New Delhi, DELHI, India
अपने बारे में क्या कहूँ, एक अनसुलझी पहेली सी हूँ.कभी भीड़ में अकेलापन महसूस करती हूँ! तो कभी तन्हाइयों में भरी महफिल महसूस करती हूँ! कभी रोते रोते हँसती हूँ, तो कभी हंसते हंसते रो पडती हूँ. मैं खुश होती हूँ तो लगता है,सारी दुनिया खुश है,और जब दुखी होती हूँ तो सारी कायनात रोती दिखती है! क्या हूँ मैं, नहीं जानती,बस ऐसी ही हूँ मैं, एक भूलभुलैया.......

Monday, August 29, 2011


माँ कहती हैं कि तेरे पति की शक्ल शिवजी से मिलती है .
उनके पास एक पुराना केलेंडर है शिव परिवार का,
हाँ,शायद वो सही कह रहीं है,
तभी तो इनके माथे पे तीसरी आँख है
      लेकिन मेरे विचार में अगर इनको किसी देवता से मिलाना हो तो
में राम से मिलाऊँगी ,क्योंकि
       राम सीता को बहुत प्यार करते थे 
लेकिन वन में अपने साथ लेकर नहीं जाना चाहते थे 
      जब सारे कष्ट उठाकर वन से वापिस आये 
तो इक बाहर के आदमी (धोबी) के कारण 
      उन्हें घर से निकाल दिया 
वो वन में सोई तो राम जमी पर सोए
            और आखिर में भी सीता जी  धरती माँ की
गोद में समाते हुए देखते रहे,
प्यार तो बहुत किया ,लेकिन ,ऐसा ,
कि ना खुद खुश रहे ,और ना सीताजी
            इसलिए पति पत्नी के बीच कभी भी किसी तीसरे
 (धोबी)को नहीं लाना चाहिए.........
                     OCT.2010

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